आखिरकार दिल्ली सरकार और इसके शिक्षा विभाग ने पाठ्येतर गतिविधियों का महत्त्व समझते हुए इसे सरकारी स्कूलों में सुनियोजित ढंग से लागू करने के लिए कदम बढ़ा दिया है. सुविधा वंचित स्कूली छात्रों को ध्यान में रखते हुए जीवन कौशल शिक्षा 'युवा' का आज दूसरा संस्करण दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए लागू कर दिया. दिल्ली के शिक्षा मंत्री अरविंदर सिंह ने आज इसे लागू करते हुए स्वीकार किया की सरकारी स्कूलों को और बेहतर और आकर्षक बनाने की जरूरत है ताकि सीखने की प्रक्रिया आनंददायक, रुचिकर और सार्थक हो सके.
मालूम हो की इसी मंच पर पाँच दिन पूर्व “शाबाश अनुज गोयल” में सरकारी स्कूलों को बेहतर और आकर्षक बनाने के लिए किताबी शिक्षा के साथ-साथ पाठ्येतर गतिविधियों को भी पूरा महत्त्व देने की वकालत की गयी थी. युवा का यह कार्यक्रम छात्रों के समग्र और स्वस्थ विकास के साथ-साथ उन्हें समाज के साथ सफल ढंग से तालमेल बिठाने के उद्देश्य से बनाया गया है. इसके तहत स्थानीय और बाहरी जगहों पर भ्रमण, एनीमेशन वाला पाठ्यक्रम, एको-क्लब, खेल-कूद, क्विज, वार्तालाप आदि कई चीजें समाहित की गयीं हैं.
शिक्षा मंत्री के अनुसार, यह प्रयास बच्चों को स्कूल की और न सिर्फ़ आकर्षित करेगा बल्कि उन्हें स्कूली शिक्षा से भी जोड़े रखने में भी मदद करेगा. इसके अलावा यह बचपन से किशोरावस्था और किशोरावस्था से वयस्क होने की जटिल प्रक्रिया में भी छात्रों का मददगार साबित होगा.
kabhi naheen se der bhali...hindi typing tool lagaiye.
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