उर्मी चक्रवर्ती ऑस्ट्रेलिया से
उर्मी ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में रहती हैं और शायरी पर अपना ब्लॉग 'गुलदस्ता-ऐ-शायरी' भी लिखतीं हैं। यह अनुभव उन्होंने 'युवा' के लिए विशेष रूप से लिखा है , जो कहीं यह भी बतलाता है की अगर एक उंगली आप दूसरों की तरफ़ दिखातें हैं तो बाकी की चार उंगलियाँ आपकी तरफ़ भी उठातीं हैं। इस का उद्देश्य न तो किसी को क्लीन चिट देना है न ही किसी पर दोष डालना है, बस कहीं हममें भी सुधार की गुंजाइश है , शायद यही इसका आशय है :
ऑस्ट्रेलिया में जो हंगामा हो रहा है काफी दिनों से उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है! चूँकि मैं ख़ुद ऑस्ट्रेलिया में रहती हूँ इसलिए यहाँ के बारे में बहुत अच्छी तरह से बता सकती हूँ! दरअसल यहाँ पर जो स्टूडेंट्स पढने आते हैं वे ज्यादातर गुजराती और पंजाबी हैं! अब यहाँ पर तो एक ही भाषा चलती है और वो है अंग्रेजी इसके सिवा और किसी भाषा में बात नहीं की जा सकती! पर भारत से जो स्टूडेंट्स पड़ने आते है वो बस पर जब सवार होते हैं तो ज़ोर ज़ोर से पंजाबी और हिन्दी गाने सुनते हैं, रास्ते में निकलते हैं तो हिन्दी में बात करते हैं, अपने इंडियन ग्रुप में ही शामिल रहना चाहते हैं, किसी और के साथ बात नहीं करते, रात के अंधेरे में सुनसान सड़क से गुज़रते हैं कान में आईपॉड तो हाथ में मोबाइल और पॉकेट में ढेर सारा पैसा लिए। अगर ये सब करें तो फिर ऑस्ट्रेलिया में रहना मुश्किल है! हमें तो कभी कोई दिक्कत नहीं हुई और कभी भी इस बात का एहसास भी नहीं हुआ की ऑस्ट्रेलिया रेसिस्ट देश है! बल्कि मैं तो ये कहूँगी कि ऑस्ट्रेलिया सबसे उम्दा देश है जहाँ पर कोई भेद भाव नहीं है और उरोपीयन यूनियन अमेरिका या ब्रिटेन में तो रेसिस्म बहुत ज़्यादा है! जिस देश में जो भाषा चलती है उसी भाषा का प्रयोग करनी चाहिए! मैं तो Townsville में रहती हूँ जो की क्वींसलैंड स्टेट में पड़ता है और यहाँ कोई हंगामा नहीं है बिल्कुल सुरक्षित है!
Fully agreed!
जवाब देंहटाएंare babli jee maine to aaj hee aapka ye blog dekha..ab ise bhee follow kartaa hoon...austreliya ke ghatnakrm par ek nai baat bataaiyee aapne...lekin hamlon kee wajah kya sirf yahee hai..sach kya hai pata nahin magar sthiti chintaajank jaroor hai..aur haan apne blog ko khud follow na karein...
जवाब देंहटाएंYou have put a stamp of approval on what Ashok Pande had told me day before yesterday . I have no reason to contradict you as i have never been to Australia
जवाब देंहटाएंhowever where ever racism exists, it must be opposed with collective might of Indians! Down with racism!
जवाब देंहटाएंapne bache makaan ko, jo dekhte hain ham,
जवाब देंहटाएंkahte hai aag hi n lagi, jhooth bat hai.
उर्मि जी, कहीं कोई भेदभाव नहीं बरतना चाहता है। भेदभाव बरतना मनुष्य का मूल गुण नहीं है। लेकिन आस्ट्रेलिया भी मंदी का शिकार है। वहां भी लोग बेरोजगार हुए हैं। यदि नहीं भी हुए तो भी उन्हें दिखाय जा रहा है कि वे होने वाले हैं इस के अलावा कोई चारा नहीं है, और साथ यह भी दिखाया जा रहा है कि उस का कारण ये भारतीय होंगे क्यों कि ये लोग शीघ्र ही यहाँ कुछ ऊँचे पद हथिया लेंगे। रेसिज्म के समर्थकों ने इसी प्रचार से स्वयं को जीवित रखने की कोशिश की है। मरती हुई प्रवृत्ति स्वयं को बचाने के लिए कुछ भी करती है। पर जिस संख्या में हमले हुए हैं वह चिंता का विषय है और इस की जिम्मेदारी से ऑस्ट्रेलिया का शासन बच नहीं सकता।
जवाब देंहटाएंहमारी राय में हम जिस देश या में प्रदेश भी रहने जाते हैं, हमें वहां की मुख्य धारा से जुड़ना चाहिए. बहुत कुछ हम पर भी निर्भर करता है.
जवाब देंहटाएंआपकी कलम से एक नये दृष्टिकोण से भी वाकिफ़ हुये. शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
पुरानी कहावत है "when in Rome, behave like a Roman" पर अपने देशी लोगों को इसे फौलो करने में तकलीफ होती है और यही कारण है कि चाहे इंग्लैंड में "go home you brown bastard" सुनना पड़े या ऑस्ट्रेलिया में पिटना. रही बात ऑस्ट्रेलियन के रेसिस्ट होने की तो दुनिया में कोई जगह इस से अछूता नहीं है और हम से ज्यादा रेसिस्ट तो दुनिया में कहीं नहीं है. हमने तो राज्य, भाषा, धर्म, जाति पता नहीं कैसे कैसे रेस बना रखे हैं और उसके आधार पर नफरत भी करते हैं.
जवाब देंहटाएंuma ji ki baate "childlike". if a person talk in mother tounge, keep money and enjoying with song
जवाब देंहटाएंmeans lost life in australia. uma ji divert us from real path. racical factor not hidden in australia whole world show in cricket match.
आपका अनुभव अलग प्रकार का रहा है, इसका मतलब यह नहीं है कि आस्ट्रेलिया दूध का धुला है।
जवाब देंहटाएंजब गुजरात में गोधरा कांड हुआ था और उसके बाद हजारों मुसलमान मौत के घाट उतार दिए थे, तो मैं उन दिनों अहमदाबाद में ही था। मेरे साथ हिंसा की कोई घटना नहीं घटी। इसका मतलब यह तो नहीं हुआ कि गोधरा कांड के बाद की हिंसक घटनाएं घटी ही नहीं।
सच बात तो यह है कि आपने ही अपने पोस्ट में परोक्ष रूप से कबूल कर लिया है कि आस्ट्रेलिया में नस्लवाद जोरों पर है। यदि वहां कोई बसों में, सड़कों में अपनी भाषा नहीं बोल सकता हो, अपनी भाषा के गाने नहीं गा सकता हो, और हर पल डर-डर के रहना पड़ता हो, तो नस्लवाद के होने का इससे बड़ा प्रमाण और कोई नहीं हो सकता है।
अरे बबली !!
जवाब देंहटाएंबड़ा ही सुन्दर आकलन ! टिप्पणियों में भी बड़े सारे अछ्छे द्रिस्तिकोन दिखे .
जहां तक 'नस्ल ' भेद का सवाल है या इसी तरह घृणा आधारित दूसरे भेद तो कम जियादा हर देश और हर समाज में हैं .
२५ साल से अमेरिका में रह रहा हूँ . इमानदारी से कहूं तो यह , यह भारत में जितना पाता हूँ उसका हजारवां हिस्सा भी यहाँ नहीं है . राज ठाकरे से कोई अपरिचित है ? यहाँ तो सरकारी संरक्स्चन भी मिलता है , प्रोत्साहन भी .वैसे ही जाती पांति धर्म भाषा प्रान्त के नाम पर जितना अलगाव घृणा भारत में है कहीं नहीं , जहां तक मैंने दुनिया देखी .
बबली आप का यह लेख पढ़ बड़ा अछ्छा लगा . शायिरी , संस्मरण ,अंगरेजी के लेख , खाना खजाना , चित्रांकन और अब यह सामयिक , यह सुन्दर लेख . भाई आप तो हरफन मौला हो !
बस ऐसे ही आगे बढ़ते रहो , मेरी शुभकामनायें .
मैं उर्मी जी बातों से बिलकुल सहमत नहीं हूँ, उनके हिसाब से आस्ट्रेलिया सबसे उम्दा देश है, मैं यह भी जानना चाहूंगी कि इस उम्दा देश में प्रजातंत्र है या नहीं ? क्या हिंदी गाना सुनना, हिंदी में बात करना, पंजाबी में बात करना वर्जित है, और ये कहना कि यहाँ सिर्फ एक ही भाषा चलती है इसलिए सिर्फ अंग्रेजी बोलो और अपने जैसे लोगों के साथ अपनी भाषा में बात मत करो, यह बिलकुल बकवास है , मैं कनाडा में पिछले १३ सालों से हूँ हम यहाँ हिंदी गाने सुनते हां , सड़क पर हिंदी गाने बजते है जोर शोर से, हर बच्चा कानों में आईपॉड लगा कर घूमता है सड़क पर गन्ने का रस बिकता है , कभी कभी बारात भी निकलती है बे-शक इजाज़त लेनी पड़ती है, पार्लियामेन्ट के अन्दर दीवाली मनाई जाती है , क्या क्या बताऊँ, और यह सब कुछ कनाडा में होता है . उर्मी जी ने यह भी कहा है 'अगर इन बातों कों ना माना जाए तो आस्ट्रेलिया में रहना मुश्किल है,' मतलब आप पूरे dictetorship में रहती हैं, उर्मी जी आप एक देश की बात कर रही हैं किसी कमरे कि नहीं, जहाँ सबको मुँह पर ऊँगली रख कर बैठना है, और मैं पूछती हूँ कितने बच्चों ने बस में गाना सुन लिया पूरे ५०० ने और वह इतना बूरा लगा लोगों कों कि मार मार कर भरता बना दिया, एक बात और भारत के बच्चे अंग्रेजी बोलते हैं और खूब बोलते हैं इसलिए भाषा कि तो बात ही रहने दीजिये, वैसे भी हम जहाँ रहने लगते हैं वहाँ कि बुराइयाँ भी अच्छी ही लगती हें क्योंकि या तो हम उनके आदी हो चुके होते हें या फिर उन्हें बताने कि हिम्मत नहीं जुटा पाते हांक्योंकि जल में रह कर मगर से बैर कौन ले, और युवा साहब , आपने एक उर्मी के कहने पर डंके कि चोट पर कह दिया कि आस्ट्रेलिया 'रंगभेद' नहीं मानता, अब मैं कहती हूँ कि आस्ट्रेलिया बहुत बड़ा रेसिस्ट देश है तो अब आप क्या कहेंगे ?
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