CHANDAN SHARMA
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार और अपना बजट पेश किया है। वित्तीय विशेषज्ञों की राय में यह एक संतुलित बजट है जिसमें कि दूरदर्शी खाका खींचा गया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस बजट में कोई ऐसी गुंजाइश नहीं है कि इसे किसी भी तरह से चुनावी बजट कहा जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बजट को पहले ही गरीबों के हित वाला और युवाओं पर केंद्रित बजट की संज्ञा दे चुके हैं और बजट की भूरि-भूरि प्रशंसा कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस बजट की प्रशंसा में पीछे नहीं रहे हैं और कह चुके हैं कि इस बजट से उत्तर प्रदेश को फायदा होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश एक युवा प्रदेश है, जहां देशभर में सबसे अधिक युवा रहते हैं। चूंकि इस बजट में 60 लाख नौकरियांे के सृजित होने का वादा किया गया है इसलिए इस बजट से सबसे ज्यादा लाभ उत्तर प्रदेश की युवाओं को ही मिलेगा।
इस तर्क के आधार पर उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब भी कहीं पीछे नहीं हैं क्योंकि इन सब जगहों पर युवाओं को रोजगार की जरूरत है और इस बजट में 60 लाख नौकरियों के सृजन का वादा किया गया है और इन सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। वैसे देश में रोजगार की क्या स्थिति है इसे समझने के लिए हाल ही में रेलवे की नौकरियों को लेकर जो प्रदर्शन हुए हैं वह इसकी बानगी भर है। कहा जा रहा है कि रेलवे और एनटीपीसी की करीब 3,5 लाख की भर्तियों के लिए एक करोड़ से ज्यादा आवेदन आए थे, जिसे संभालते-संभालते भर्ती एजेंसियों के हाथ-पांव फूल गए थे। जिसका परिणाम प्रदर्शन के रूप में सामने आया। ऐसे में 60 लाख नौकरियों के सृजित होने के वादे से निश्चित रूप से चुनाव वाले राज्यों को इसका लाभ सत्ताधारी दल को मिलेगा।
पर जहां तक उत्तर प्रदेश की बात है तो उत्तर प्रदेश में सिर्फ युवाओं को रोजगार का वादा भर नहीं मिला है। बल्कि वर्ष 2022-23 के बजट में और भी बहुत कुछ मिला है, जिसका लाभ योगी सरकार को मिलना तय ही है। मसलन उत्तर प्रदेश को इस बजट में केंद्र से करीब दो लाख करोड़ रूपये का आबंटन मिलेगा जो कि पिछली बजट की तुलना में करीब 35,000 करोड़ रूपये से ज्यादा का आबंटन है। इसके अलावा चुनाव वाले इस प्रदेश पर पूरी मेहरबानी दिखाते हुए केंद्र सरकार ने करीब 50,000 करोड़ का ब्याजमुक्त ऋण के आबंटन की भी व्यवस्था की है।
उत्तर प्रदेश के नेताओं की मानें तो गंगा किनारे रसायनमुक्त खेती की योजना का सबसे ज्यादा फायदा अगर किसी राज्य को मिलेगा तो वह उत्तर प्रदेश ही है। इसके अलावा इस बजट में आने वाले वित्त वर्ष के दौरान 80 लाख पक्के मकान बनाने की व्यवस्था की गई है जो कि दरअसल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अन्य सभी चुनावी राज्यों में भी लोगों को फायदा पहुंचाएगा और इसका लाभ आगामी लोकसभा चुनावों में भी मिलेगा।
इसी प्रकार से मास ट्रांजिट सिस्टम के तहत मेट्रो परियोजनाओं के लिए बजट का आबंटन बढ़ाकर 150 करोड़ से 19350 करोड़ रूपये कर दिया गया है जिसका लाभ सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश को मिलना तय है क्योंकि सबसे ज्यादा मेट्रो परियोजनाएं फिलहाल उत्तर प्रदेश में ही क्रियान्वित की जा रही हैं। इसके अलावा केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए किया जाने वाला आबंटन भी चुनावों में फायदा पहुंचाएगा। (CHANDAN SHARMA)
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